Tuesday, February 14, 2023

दीपावली विशेष

हृदय के दीप मे सदभाव की ज्योति जगा लेना..

दीवाली प्रेम और मृदभाव‌ से मिलकर मना लेना..

तल्ख सम्बन्ध से जुडती कहां है प्रीत की डोरी..

गजब मौका है अपने रुठे हो उनको मना लेना..

अहम से दूर रहकर संगठित परिवार सारा हो..

यहां बिखरे हुऐ रिश्तों की बस माला सजा लेना..

यहां अज्ञानताओं का घटाघुप‌ सा अंधेरा है..

दीप आशाओं का लेकर अंधेरे मे जला लेना..

स्याह रातों की दहरी पर उजाले की जो हो दस्तक..

किसी रोते के आंशु पोछ घर अपना सजा लेना..

शकून मिलेगा इबादत सा जरा कर देखों..

किसी रोते हुऐ को " धीर" पल दो पल हंसा लेना...


धीरेन्द्र गुप्ता " धीर"

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