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डर लगता छदम हत्यारे से..
हमने कितने सीस कटाये, झूठे भाईचारे मे.. कुर्बानी का बोझ चढा है, भाई भाई के नारे मे.. गुरु गोविंद सिंह के बेटे हो या हो प्रताप की कुर्बानी.. ...
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वो मयखाने के पैमाने में सब खुशिया लुटा बैठा भरी मांगे,खनकती,चूडिया, बिंदिया लुटा बैठ...
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