तीर तरकश से निकल कमान पर आने लगे
जब से गढ़े मुद्दे यहाँ जुबान पर आने लगे.....
मांग आरक्षण की लेकर वो सड़क पर आ गये
वार अब उलटे पलटकर शान पर आने लगे......
वो कहा ऐतबार करते है किसी की बात पर
मान लेते है वो सब जब जान पर आने लगे.......
अपनी उलझन से कभी पीछा मेरा छुटता नहीं
उलझने वो लेके ढेरो मकान पर आने लगे.......
जब से हुए फाकानसी ऐतबार उनको है कहाँ
पर्चियां लिखकर तकादे सामान पर आने लगे......
देख पतझड़ उड़ गये थे जो परिंदे सांख से
देख सावन"धीर"वो पहचान पर आने लगे.......
जब से गढ़े मुद्दे यहाँ जुबान पर आने लगे.....
मांग आरक्षण की लेकर वो सड़क पर आ गये
वार अब उलटे पलटकर शान पर आने लगे......
वो कहा ऐतबार करते है किसी की बात पर
मान लेते है वो सब जब जान पर आने लगे.......
अपनी उलझन से कभी पीछा मेरा छुटता नहीं
उलझने वो लेके ढेरो मकान पर आने लगे.......
जब से हुए फाकानसी ऐतबार उनको है कहाँ
पर्चियां लिखकर तकादे सामान पर आने लगे......
देख पतझड़ उड़ गये थे जो परिंदे सांख से
देख सावन"धीर"वो पहचान पर आने लगे.......
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