हाईवे के इस तरफ ओर उस तरफ मेरा गांव है..
नाम शाहजहांपुर है जिसका, बस सुनहरी छांव है..
डाक बंगले की अदा, यहां कारखानों का चलन..
इन्द्रा कॉलोनी मे बसता एक भारत एक स्वप्न..
इसके उत्तर मे है भैरु, वृन्दावन खण्डर अजब..
कुछ कदम के वृक्ष ओर श्री कृष्ण की गाथा गजब..
पश्चिम दिशा मे रायसर तालाब की महिमा सुनो..
पर्वतों से आ रहे बरसाती नाले की सुनो...
गंगा, शिव, श्री श्याम का मन्दिर श्रद्धा का केन्द्र है...
आस्था प्रबल हजारो बस कृपा का केन्द्र है..
पूर्व नारेहडा सरोवर एक बडा उद्यान है..
शिव कृपा का केन्द्र पोखरदास का स्थान है..
दक्षिण दिशा मे संत जोधा भगत जी का धाम है..
भगतो की बिगडी बनाना ही तो उनका काम है..
मीणाओं की जोहडी से जल संचय पुरानी रीत है..
बाल्मिक मन्दिर निकट ही सांवरे की प्रीत है..
श्याम मन्दिर भव्य लाखों आस्था का नाम है..
जो यहां सर को झुकाता बनता उसका काम है...
दक्षिण दिशा के छोर पर ही जीण माता का भवन..
चारों दिशाये पावनी ऊंची हवेली और भवन...
मन्दिर गोपालदास का श्रद्धा अटल विस्वास है..
मेला गजब शिवरात्रि सदभाव की मिसाल है..
मन्दिर बिहारी जी का, ठाकुर जी यहां विद्यमान है..
भूरा सिद्ध शनिदेव की महिमा बडी महान है..
शंकर चौराहे के है शंकर, देवो मे सिरमौर है..
शीतला माता की महिमा गुंजती चहुंओर है..
पाठशाला का भवन गढ है पुरानी आन का..
प्राचीन शाहजहांपुर का गौरव, एकता ओर शान का..
है पुरातन नाम लुहानाखेडा इतना जानलो..
मुगलो की सेना से भीडे थे वीर बस पहचानलो..
दिल्ली सिहांसन को जो सीधे आन पर ललकार दे..
चंद गुर्जर वीर मिल दुश्मन को पल संहार दे..
विद्यालय का ये भवन, गढ हल्दिया महाराज का..
चार बुर्जों पे टिका प्रतीक था स्वराज का..
ईदगाह मस्जिद मिनारे गढती यहां सदभाव है..
मजहबी ना द्वेष किंचित एकता का भाव है..
बस गुजारिश है यही सदभाव सम बना रहे..
आदमी से आदमी का प्रेम बस घना रहे..
माना की कुछ विकार अब मनभाव मे आने लगे..
छोड दो रंजिश नये अरमान सब भाने लगे..
आओ हम संकल्प ले गौरव ना झुक ना पायेगा..
स्वर्ग सी पावन धरा का प्रताप रुक ना पायेगा..
जो सबल है वो मेरे संकल्प से जुड जायेगा..
वो पुराने दिन समय सब लौट कर आ जायेगा..
वृक्ष से श्रृंगार करदो सींचदो जल से धरा..
लौटाये शान गांव की करदे वही हरा भरा..
जोहड, पोखर तक पहाडो से जो पानी आयेगा..
देखना भूजल का स्तर भूमि मे बढ जायेगा..
कब्जे पुराने सब हटादो धार्मिक स्थान से..
बेईमानी छोड बस ये काम हो ईमान से..
देखना प्रयास से अंधकार सब छट जायेगा..
"धीर" का वादा समय फिर लौट कर वो आयेगा....
लेखक
धीरेन्द्र गुप्ता " धीर"
9414333130
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