लफ्ज़ कातिल अक्सरे जुबान पर आने लगे..
बहरुपीये मानों यहां पहचान पर आने लगे..
संस्कारों के थे दरखत, सूख कर लक्कड हुऐ..
उड गये सारे परिंदे जब जान पर आने लगे..
कौडियों मे तोलते है प्रेम और सदभाव को..
शब्द तीरों की तरह ज्यो कमान पर आने लगे..
अब सुरीले लोग भी जहरी जुबाने बोलकर..
बेसुरे से हो गये स्वर जो तान पर आने लगे..
किसने किसको क्या बनाया ,किसकी क्या औकात है..
जो गडे मुद्दे थे कल तक, उफान पर आने लगे..
शब्द ही परिचय हमारे परवरिश परिवार की..
"धीर" मौका देख वो गिरबान पर आने लगे..
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