दूसरों के कद पे लहजा यूं लगाना छोड दे
बेवक्त ही गिर जायेगा यूं डगमगाना छोड दे
चाहे थोडी रख मगर पहचान अपनी चाहिये
अपने चेहरे पर यूं चेहरा अब लगाना छोड दे
"धीर"
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आज की रात मेरा दर्द चुरा ले कोई.. चंद लम्हों के लिये अपना बनाले कोई.. तीर हूं लौट के तरकश मे नहीं आऊंगा.. मै नजर मे हूं निशाना तो लगाले कोई...
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