दूसरों के कद पे लहजा यूं लगाना छोड दे
बेवक्त ही गिर जायेगा यूं डगमगाना छोड दे
चाहे थोडी रख मगर पहचान अपनी चाहिये
अपने चेहरे पर यूं चेहरा अब लगाना छोड दे
"धीर"
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आंख से बहते हर आंसू, मन की पीडा हर लेते है.. बस शब्दों का मौन है रहता, बाकी सब कह लेते है.. जब से सफल हुऐ है अपने, मानों कोसो दूर हुऐ.. मेरे...
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