Saturday, June 10, 2023

कौन देता है....

 यहां जीवन को बाहों का सहारा कौन देता है..

भरे मझदार मे कश्ती किनारा कौन‌‌ देता है..

मौत के बाद दावत है जश्न भी है जुलुस भी है..

जो मरते भूख‌ से बच्चे, निवाला कौन‌ देता है..

देखकर हाथ मे अपनी लकीरे सोचता होगा..

बिना किस्मत मजे से हो‌ गुजारा कौन‌ देता है..

अलेदा है मेरी किस्मत हजारों खुशनसीबों से..

"धीर" बस रंज इतना है, इशारा कौन देता है...

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अपना बनाले कोई

आज की रात मेरा दर्द चुरा‌ ले कोई.. चंद लम्हों के लिये अपना बनाले कोई.. तीर हूं लौट के तरकश मे नहीं आऊंगा.. मै नजर मे हूं निशाना तो लगाले कोई...