गिद्धों की करतूतों पर जो मौन साधकर बैठे है..
भाईचारे का दिल मे जो अरमान पाल कर बैठे है..
कुछ सबक लिया होता तुमने, इतिहास घटित कुछ भूलों से
चौहान पराजित ना होते गौरी जैसे कठमुल्लों से..
बन जाओं शिवा तुम पहचानों औरंगजेबी सब चालों को..
कातिल बैठे है छुपे हुऐ प्रिय बनकर ओढ दुशालों को..
हम छले गये जयचंदों से उनकी पहचान जरुरी है..
हो अखण्ड देश की परिभाषा इतना अरमान जरुरी है..
जो चूक गये प्रतिमानों से इतिहास तुम्हें धिक्कारेगा..
खामोश रहे जो जुल्मों पर कायर इतिहास पुकारेगा..
गंगा जमुनी तहजीबों का जो रोज हवाले देते है..
हिन्दु मुस्लिम भाई भाई हररोज मिसाले देते है..
उन सेकुलरी छिछोरों को बस ये समझाना चाहता हूं..
कश्मीरी पण्डित के आशु वो रुदन दिखाना चाहता हूं..
दिल्ली से अवध व काशी तक, मथुरा के घाव पुराने है..
गुजरात का सोमनाथ मंदिर मुगलों के दांव पुराने है..
बस "धीर" यहां विस्वास की मै ये कीमत नहीं चुका सकता..
यूं सरेआम अपने भाई की गर्दन नहीं कटा सकता..
मै कलमकार हूं सोये को बस आज जगाने आया हूं..
नारद का वंशज कलमकार बस फर्ज निभाने आया हूं..
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