Monday, December 13, 2010
"लक्ष्य निशाने पर तना तीर होना चाहिये"
जिन्दगी में हार कर भी जीत का करलो जशन
सामने लेकिन तुम्हारे वीर होना चाहिये...
मर गए अहले वतन पर फक्र की ही बात है
हौसला भरपूर दिल गम्भीर होना चाहिये...
काम आ जाये जो ये तन देश के निर्माण में
हर जवानी का ये ही तकदीर होना चाहिये....
वीर सावरकर या शेखर, बिस्मिल, भगत सिंह की तरह
आग सा तपता हुआ शमशीर होना चाहिये....
हम बदल डालेगे अब तस्वीर गुजरे दौर की
लक्ष्य निशाने पर तना बस तीर होना चाहिये...
भाव राष्ट्र ऐकता हो अमनो-चैन का सदा
बस येही आँखों में सपना "धीर" होना चाहिये....
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सीढियां जो भी लगी थी, कामयाबी दौर मे..
सीढियां जो भी लगी थी, कामयाबी दौर मे.. बस बचाकर उनको रखलो डूबती हर भौर मे.. जब बुलंदी का सितारा डूबने पर आयेगा.. काम आयेगी तेरे एक हमसफर के...
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कपकपाती ठंड मे उल्लास कैसा..? पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा..? पश्चिमी... दीन दुखिया सडक पर सिकुडे पडे हो जो ठिठुरती धुंध मे अकडे खडे हो....
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