Saturday, December 4, 2010

BHAJAN-MERI CHITHI DA JAWAB NAHI AAYA...............

bhajan-
 भजन-मेरी चिट्ठी दा जवाब नहीं आया ......

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दोस्तों के कारनामें देखकर

  दोस्तों के कारनामें देखकर दुश्मनों से दिललगी सी हो ग‌ई.. कौन है अपना इसी तलाश मे खर्च सारी जिन्दगी सी हो ग‌ई.. उस दवा पर हो भला कैसा यकीं ...