आंख से बहते हर आंसू, मन की पीडा हर लेते है..
बस शब्दों का मौन है रहता, बाकी सब कह लेते है..
जब से सफल हुऐ है अपने, मानों कोसो दूर हुऐ..
मेरे आंसू बस मेरे है, मेरे संग ही बह लेते है..
अंतर्मन का बनके आईना, साथ निभाते जीवन भर..
मेरे हर गम और खुशियों को, आत्मसात सा कर लेते है..
नहीं शिकायत ना कोई शिकवा,ना द्वेष तुमसे,ना ही गिला है..
बस एक तुमसे हमारी यारी, तुम्हीं से दिल की कह लेते है..
टपक ना जाये ये व्यर्थ आंसू, है धीर इतना ख्याल मुझको..
कसम तुम्हारे लिये जिगर पर, जमाने भर की सह लेते है..
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