Thursday, June 19, 2025

मतलबी लोग है मतलब का सहारा साथी..

 किससे करते हो वफा कौन तुम्हारा साथी..

मतलबी लोग है मतलब का सहारा साथी..

बहते दरियां कभी कतरा नहीं हुआ करते..

डूबते शख्स को दे कौन किनारा साथी..

रात उम्मीद है कल तो सवेरा आयेगा..

गर्दिशे दौर मे कैसे हो गुजारा साथी...

उंगलियां रेत के एक ढेर पर यूं चलने लगी...

आशियां शहर मे हो एक हमारा साथी..

अपनी खुशियों को ना परवाज दे जमाने में..

काट लेता है यहां पंख जमाना साथी..

आज खामोश है जो वक्त पर बोले ही नहीं..

मेरी आवाज कहां उनको गवारा साथी..

अपनी मंजिल है कहां "धीर" ठिकाना पूछो..

नज़र से दूर है हर एक नजारा साथी...



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