Thursday, September 21, 2023

नकली है....

नगर बहरुपीयों का है यहां पहचान नकली है..

यहां चेहरे पे चेहरा है की हर मुस्कान नकली है..

यहां ओढे दुशाला नेकी का बेईमान बैठा है..

पुराने शहर मे व्यापारी के सामान नकली है..

भजन पण्डित, ये सजदे मौलवी, शायर की सब गजले..

कथा पण्डाल, मस्जिद के सभी दरबान नकली है..

बदलते प्रेम की भाषा मे मां का प्यार बदला है..

बुलंदी पर पहुंचने के सभी अरमान नकली है..

छपी चंद लाईनों ने बस्तियां वीरान कर डाली..

जहां सदभाव की भाषा वहां अखबार नकली‌ है..

जमी ने अब जमीरों के सभी मंजर बदल डाले..

यहां रिश्तों की परिधि मे छुपा इंसान नकली‌ है..

केस दादा का पौता लड रहा बहरी अदालत में..

जजों के फैसले नकली सभी फरमान नकली है.. 

अदब से पेश आना शहर के गुंडे मवाली से..

यहां मत बिकते रातों ‌मे सभी मतदान नकली है..

चुनावी खेल मे चुनकर पुराने चोर आये है..

ये जनता के चुने सारे निगाहेबान नकली है..

यहां पंचायते बस रौब का झूठा दिखावा है..

है लाठी भैस बस उसकी सभी समाधान नकली है..

यहां मुर्दों की बस्ती है अलख कितनी जगाये हम..

मजहब और जाती मे बंटते धर्म ईमान नकली है..

शहर मे बुत बने बैठे है जिम्मेदार शासन के..

सितम सब सह के बैठे जाहिलों मे जान नकली है..

जुबां देकर बदल‌ जाये वो मुंसिफ न्याय क्या देगा..

अदालत ने कहां उनपर लगे इल्जाम नकली है..

तुम्हारी सरपरस्ती मे वजुदे साख बाकी है..

यहां बस " धीर" सच्चा तू सभी फनकार नकली है..


धीरेन्द्र गुप्ता " धीर"

No comments:

अपना बनाले कोई

आज की रात मेरा दर्द चुरा‌ ले कोई.. चंद लम्हों के लिये अपना बनाले कोई.. तीर हूं लौट के तरकश मे नहीं आऊंगा.. मै नजर मे हूं निशाना तो लगाले कोई...