मंजिलों की दास्ता खंडर से जानिए
गम - ए- ख़ुशी की दास्ता हर घर से जानिए
मौत से मुलाकात का गर शौक हो जनाब
बस कभी जीवन के दरो-दर को जानिए
नुस्खा मिलेगा जीने का जीवन शकून से
उठिये किसी गरीब और बेघर को जानिए
कर्तव्य और भाग्य से मिलता है सब हमें
बस जरा करीब से मुकद्दर को जानिए
मछलियों को रेत पर क्यों डालते है आप
इससे भला तो दिल में बसे डर को जानिए
आवरण है मोम का पिंघलेगा तपन से
हालात में लिपटे किसी अवसर को जानिए
करते है बात अमन और मजहब के नाम की
बेहतर है उन लफ्जो में छिपे असर को जानिए
"धीर" दिखाते है जो औरो को आईना
उन शक्ल में बची हुई कसर को जानिए
5 comments:
नुस्खा मिलेगा जीने का जीवन शकून से
उठिये किसी गरीब और बेघर को जानिए
khoob kaha aapne..... behtreen gazal
sunder rachna
बहुत खूब! होली की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत सुंदर रचना ।
Bhahut sunder bhai...
Karte hai baat aman aur majhab k naam ki
Behtar hai un lafjo main cheepe aser ko janiye ....wah nice ...
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