Thursday, December 29, 2016

‌द्वितिय ‌काव्य ‌संग्रह:- ‌मेरी ‌मन ‌व्यथा


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आंसू

आंख से बहते हर आंसू, मन की पीडा हर लेते है.. बस शब्दों का मौन है रहता, बाकी सब कह लेते है.. जब से सफल हुऐ है अपने, मानों कोसो दूर हुऐ.. मेरे...