Thursday, December 29, 2016
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सीढियां जो भी लगी थी, कामयाबी दौर मे..
सीढियां जो भी लगी थी, कामयाबी दौर मे.. बस बचाकर उनको रखलो डूबती हर भौर मे.. जब बुलंदी का सितारा डूबने पर आयेगा.. काम आयेगी तेरे एक हमसफर के...
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कपकपाती ठंड मे उल्लास कैसा..? पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा..? पश्चिमी... दीन दुखिया सडक पर सिकुडे पडे हो जो ठिठुरती धुंध मे अकडे खडे हो....