Wednesday, January 1, 2025

पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा ?

कपकपाती ठंड मे उल्लास कैसा..? 
पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा..? 
पश्चिमी...
दीन दुखिया सडक पर सिकुडे पडे हो 
जो ठिठुरती धुंध मे अकडे खडे हो.. 
सूर्य के मौन पर उत्साह कैसा..? 
पश्चिमी.... 
खेत मे कलकल जो पानी के घरौंदे मोडता.. 
सर्द रातों‌ मे अडिग अभिमान ऋतु का तोडता.. 
हर तरफ खामोशीयों का उन्माद कैसा..? 
पश्चिमी.... 
रात ज्यो ज्यो बढ रही, परेशान चौकीदार है.. 
कानों मे श्वानों का क्रदन, हर तरफ चित्कार है.. 
अब रुदन पर बोलियें सत्कार कैसा..? 
पश्चिमी..... 
देख कर फुटपाथ पर उस अजनबी बेजान को.. 
सोचता हूं क्यो दया आती नहीं भगवान को.. 
भावना जब गौण तो सम्मान कैसा... 
पश्चिमी.... 
पश्चिमी नववर्ष के उन्माद मे उलझे भला.. 
सोच ये भी पाये ना की क्या बुरा ओर क्या भला.. 
"धीर" कातिल रात का आगाज कैसा..? 


पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा ?

कपकपाती ठंड मे उल्लास कैसा..?  पश्चिमी नववर्ष का आभास कैसा..?  पश्चिमी... दीन दुखिया सडक पर सिकुडे पडे हो  जो ठिठुरती धुंध मे अकडे खडे हो....